संवैधानिक विकास (Constitutional Development)
चार्टर एक्ट:
EIC (East India Company) द्वारा लागू किए गए कानून।
भारत सरकार अधिनियम (Government of India Act):
ब्रिटिश क्राउन द्वारा भारत में लागू किए गए कानून, जो EIC के शासन के बाद आए।
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मुख्य घटनाक्रम और अधिनियम:
1600 – ईस्ट इंडिया कंपनी को अधिकार
ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ-I ने ईस्ट इंडिया कंपनी को भारत में व्यापार करने की अनुमति दी।
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- 1773 – रेगुलेटिंग एक्ट
यह भारत में पहला ब्रिटिश संसद द्वारा पारित अधिनियम था।
बंगाल के गवर्नर को "गवर्नर जनरल ऑफ बंगाल" बना दिया गया।
वॉरेन हेस्टिंग्स बने पहले गवर्नर जनरल ऑफ बंगाल।
गवर्नर जनरल की एक कार्यकारिणी परिषद बनी जिसमें 4 सदस्य थे।
कलकत्ता में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना (1774)
मुख्य न्यायाधीश: एलिजा इम्पे
कुल 4 न्यायाधीश नियुक्त
बॉम्बे और मद्रास के गवर्नर अब बंगाल के गवर्नर जनरल के अधीन।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री: लॉर्ड नॉर्थ
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- 1784 – पिट्स इंडिया एक्ट
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री: विलियम पिट (द यंगर)
EIC के कार्यों को दो भागों में बाँटा गया:
1. व्यापारिक कार्य – EIC के कंट्रोल में (Board of Directors)
2. राजनीतिक कार्य – ब्रिटिश सरकार के नियंत्रण में (Board of Control – BOC)
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- 1813 – चार्टर एक्ट
EIC का भारत में व्यापारिक एकाधिकार समाप्त (केवल चाय और चीन को छोड़कर)
भारत में ईसाई मिशनरियों को प्रचार की अनुमति (धार्मिक नीति में बदलाव)
शिक्षा के लिए 1 लाख रुपये का पहला बजटीय प्रावधान
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- 1833 – चार्टर एक्ट
EIC का संपूर्ण व्यापारिक अधिकार समाप्त कर दिया गया।
अब बंगाल का गवर्नर जनरल कहलाएगा – भारत का गवर्नर जनरल
विलियम बेंटिक बने भारत के पहले गवर्नर जनरल।
विधि आयोग (Law Commission) का गठन – अध्यक्ष: लॉर्ड मैकॉले
दास प्रथा समाप्त करने की दिशा में पहल
औपचारिक रूप से Slavery Abolition Act, 1843 के तहत समाप्त
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- 1858 – भारत सरकार अधिनियम
सिपाही विद्रोह (1857) के बाद पारित
EIC का शासन पूर्णतः समाप्त
Board of Control और Board of Directors भी समाप्त
भारत अब सीधे ब्रिटिश क्राउन के अधीन हुआ।
भारत में गवर्नर जनरल अब वायसराय कहलाया
पहला वायसराय: लॉर्ड कैनिंग